Thursday, March 08, 2018

तूमदहोश हो वहा पे "नवीन" आशियाने में , हम भीमशगूल है यहाँ ज़िंदगी के मयखाने में 
लेकिन मेरी अनकही सी बातो में या फिर भूले हुए से ज़ज़्बातो में  

मुझे ये लगता है सायद आज भी मुझमे जिंदा हो तुम.

पीछे छोड़ आया हु मै वो लम्हे जो तेरे साथ बिताये थे , जहा कही हम दोनों ने ख्वाब सजाये थे
लेकिन मेरे विचारो की अजीब सी उलझन में ,या फिर कही मेरे अंतमन की कसमकश में

मुझे ये लगता है सायद आज भी मुझमे जिंदा हो तुम.

मिटा दिया मैंने तेरा नाम अपनी जिंदगी की किताब से , भूल चूका  तेरी सब बाते
लेकिन मेरी धड़कन की तान में , या फिर मेरी नज़र के आईने में कही 

मुझे ये लगता है सायद आज भी मुझमे जिंदा हो तुम

तेरी महक जो आती थी मेरे सांसो से उसको मिटा दिया है , देख ले मेरे हाथ मैंने तेरी लकीर को हटा दिया है
लेकिन मेरे यादो के समुन्दर की गहराई में , या फिर मेरी महत्वकान्छा के ऊँचे पहाडो में


मुझे ये लगता है सायद आज भी मुझमे जिंदा हो तुम